This article was written by Dr Rukmini Banerji
The original article was published in Dainik Bhaskar
(https://bit.ly/dainikbhaskar_DrBanerji)
बच्चे की रुचि, उनके सीखने का मनपसंद तरीका, उनके आसपास के माहौल को ध्यान में रखकर नियोजित करना होगा कि वे क्या-कैसे सीखेंगे। तय किए रास्ते पर, सीखने-सिखाने वाले, दोनों को सफर करना होगा।
अधिक जानने के लिए पढ़ें डॉ रुक्मिणी बैनर्जी का पूरा कॉलम: स्कूल के तीसरे सत्र पर संकट की आहट; सीखने-सिखाने की प्रक्रिया बच्चे के हिसाब से तय हो|